कुछ तो लोग कहेंगे

उत्तर प्रदेश के चुनावों से पूर्व वहाँ भय और आतंक का जो परिवेश गत 15 से बना हुआ था उससे त्रस्त होकर वहाँ की जनता ने एकमात्र भाजपा पर अपना विश्वास व्यक्त किया। अप्रत्याशित बहुमत से भाजपा का कमल वहाँ खिल गया। विजय की घोषणा होते ही जनता की घोर अपेक्षाओं ने आदरणीय आदित्यनाथ योगी को तुरन्त सक्रिय होने का सन्देश दे दिया। मुख्यमन्त्री की घोषणा होते ही योगी आदित्यनाथ पूरी तरह सक्रिय हो गये और साथ ही फल से लदे परोपकारी वृक्ष की भाँति विनम्र भी। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वे बिना किसी भेदभाव के प्रदेश की जनता को सामाजिक सुरक्षा और शान्त जीवन का परिवेश प्रदान करेंगे। अनैतिक कार्यों की भूमि बन चुके उत्तर प्रदेश को इसी प्रकार के एक सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता भी थी। मुख्यमन्त्री पद की शपथ लेते ही उन्होंने प्रदेश के समस्त अधिकारियों के साथ बैठक करके अपनी भावी रणनीति के संकेत दे दिए और उसी दिन से संकल्प-पत्र की घोषणाओं का अनुपालन भी प्रारम्भ हो गया।

प्रदेश में अचानक एक आमूल परिवर्तन दिखाई देने लग गया है। प्रदेश को खोखला करने वाले संक्षारकों की परत तेजी से उतारी जा रही है। जिन गुण्डों, बदमाशों, अत्याचारियों और अनाचारियों ने प्रदेश में आतंक का माहौल तैयार किया था वे अब स्वयं ही आतंकित और आशंकित हैं। प्रदेश में हजारों की संख्या में अवैध बूचड़खानों की भरमार थी। इनसे न तो सरकारी राजस्व में किसी प्रकार की वृद्धि होने की सम्भावना थी और न ही परिवेश साफ-सुथरा बना रह पाता था। इन्हीं अवैध बूचड़खानों से प्राप्त आय प्रत्येक सरकारी महकमों की निजी आय का साधन था। इसके द्वारा प्राप्त आय का उपयोग आखिर कहाँ किया जाता था? ऐसा तो सम्भव नहीं कि इस नयी सरकार को अवैध बूचड़खानों की जानकारी मिल रही है और उन्हें बन्द किया जा रहा है तो पूर्ववर्ती सरकारों को इसकी जानकारी न रही हो। लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों के मन्त्रियों, नेताओं, उपनेताओं और अधिकारियों की झोलियाँ यदि इसी प्रकार के स्रोतों से नहीं भर रही थीं तो इनसे प्राप्त आय आखिर किसके पास जा रही थी? निश्चय ही ऐसी कार्यवाहियों से उन लोगों को कष्ट होगा जो भ्रष्टाचार को अपना अधिकार समझ बैठे थे।

पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल के दौरान हमारी अनेक बालिकाओं ने विद्यालय जाना केवल इसी कारण छोड़ दिया था क्योंकि मनचले और बदमाश उनके साथ घिनौनी हरकतें करते थे और उन पर फब्तियाँ कसते थे। लेकिन एंटी रोमियो दल के गठन के साथ ही उनमें आत्मविश्वास का संचार हुआ है। उनका भय पर्याप्त सीमा तक दूर हो चुका है। ऐसे बदमाशों पर इतनी तेजी से सर्जिकल स्ट्राइक की गयी कि उन्हें अब उसी भय में रहना पड़ रहा है जिस भय में वे हमारी बेटियों को रखते थे। प्रदेश की पुलिस भी वही है जो पहले थी किन्तु भाजपा के सुशासन के संकल्प ने उन्हें उनके कर्तव्यों का बोध कराया। किन्तु भाजपा के प्रत्येक अच्छे कार्यों की आलोचना करने वाले लोग अब भी ईर्ष्या की अग्नि में जल रहे हैं। उन्हें हमारी बालिकाओं का भयमुक्त होना रास नहीं आ रहा है। जिस व्यक्ति का चरित्र यथार्थतः उज्ज्वल है वे किसी भी परिस्थिति में कभी भयभीत नहीं होंगे किन्तु यदि मन में खोट होगा तो उन्हें भयभीत होना ही पड़ेगा।

किन्तु प्रदेश की भाजपा सरकार के सभी मन्त्रियों और अधिकारियों को यह ध्यान रखना होगा कि उन पर इसी प्रकार के आरोप लगाकर दबाव में लाने का प्रयास किया जायेगा। उन्हें ऐसे कुटिल राजनेताओं और बुद्धिजीवियों की बातों पर ध्यान नहीं देना होगा। जो सत्य, शिव और सुन्दर है उसे स्थापित करने के लिए जो भी उचित लगे उसे निर्भीक होकर करना होगा। लोग तो कुछ न कुछ कहते रहेंगे क्योंकि उनके पास अब करने के लिए कुछ रह नहीं गया। वे अब भय और भ्रष्टाचार के विषय पर तो बोल नहीं सकते, वे अब केवल व्यवस्थाओं की आलोचना करने में ही समय व्यतीत करेंगे। सत्य का मार्ग कठिन तो होता है किन्तु इतिहास का निर्माण भी वही करते हैं जो सत्यपथ से विचलित नहीं होते हैं। हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री श्री आदित्यनाथ जी एक ऊर्जावान नेता और सन्त हैं। निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश का कायाकल्प होने वाला है। अब वह दिन दूर नहीं जब प्रदेश में सरकारी कर्मचारी जनता के शासक नहीं बल्कि सेवक के रूप में कार्य करते हुए दिखाई देंगे।

 

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