सरकार की सूक्ष्मदृष्टि अन्त्योदय पर और विपक्ष की दृष्टि आलोचना पर

वर्तमान सरकार जिस प्रगति से दीनदयाल उपाध्याय के देखे गये स्वप्नों को साकार करने में लगी है, विपक्ष उससे हैरान और परेशान है। लालकिले की प्राचीर से देश के किसानों और पिछड़े वर्गों को विकास की राह पर लाने की उद्घोषणा करने के पश्चात उसे साकार रूप देने के लिए कृतसंकल्प सरकार ऐसी योजनाओं को धरातल पर उतार रही है जिसमें देश के वास्तविक लाभार्थियों तक इन योजनाओं का लाभ बेरोकटोक सुनिश्चित हो सके। हमारे देश में अब तक गरीबों, पिछड़ों और किसानों के लिए अनगिनत योजनाओं का क्रियान्वयन हुआ परन्तु भ्रष्टाचार के कारण उसका लाभ उन लोगों तक नहीं पहुँच पाता था जो इसके वास्तविक हकदार थे। कृषकों की आय दोगुनी करने की संकल्पना भी अब धरातल पर उतर चुकी है। ‘प्रधानमन्त्री कृषि बीमा योजना’ के माध्यम से कृषकों को मात्र 1% से 1.5% के प्रीमियम पर उनकी कृषि सम्बन्धी क्षति की शत-प्रतिशत भरपाई सुनिश्चित की जा चुकी है। जन-धन योजना के तहत खुले करोड़ों बैंक खातों में अब सरकार द्वारा गरीबों को प्रदत्त सभी प्रकार के अनुदान और पारिश्रमिक सीधे उनके खाते में पहुँचेंगे जिसके कारण भ्रष्टाचार पर पूर्णतः अंकुश लगाया जा सकेगा। गत 1 वर्ष में उत्तर प्रदेश के 1003 गाँवों में शत-प्रतिशत विद्युत की व्यवस्था की जा चुकी है। 11वीं और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 11715 करोड़ रुपये केवल उत्तर प्रदेश राज्य के लिए सैक्शन हुए थे परन्तु इस अवधि के दौरान 8 वर्षों में 2014 तक मात्र 17 प्रतिशत गाँवों में शत-प्रतिशत बिजली पहुँच पाई। इस प्रकार जहाँ 87000 गाँवों में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण होना था वहाँ मात्र 15000 गाँवों में विद्युतीकरण हो पाया। केन्द्र सरकार का लक्ष्य 2018 तक देश के सभी गाँवों में पूर्ण विद्युतीकरण करने का लक्ष्य था किन्तु जिस प्रगति से विद्युतीकरण का कार्य हो रहा है उसके आधार पर स्वयं सरकार ने इस लक्ष्य को संकुचित कर 2017 में ही प्राप्त कर लेने का निश्चय किया है। विद्युत अब मानव की जीवन-रेखा बन चुकी है। इसके कारण अब देश के गाँवों में कृषि सम्बन्धी विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे सिंचाई तथा मड़ाई आदि में ऊर्जा की सुविधा होगी जिसके कारण फसल के उत्पादन में स्वतः वृद्धि होगी। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के द्वारा कृषकों को अपने खेतों में फसल उगाने के उन्नत विकल्प प्राप्त होंगे। लघु एवं कुटीर उद्योगों की सम्भावनाओं में भी वृद्धि होगी क्योंकि दूसरी ओर सरकार ने युवाओं को अपना उद्योग प्रारम्भ करने के लिए मुद्रा ऋण योजना का प्रारम्भ किया है। देश के अनेक गरीब और पिछड़े वर्ग जो अर्थाभाव के कारण रोगों के उपचार में असमर्थ थे, उन्हें स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 1 लाख रुपये की राशि प्राप्त होगी और उन्हें अब उपचार के अभाव में जीवन को संकट में नहीं डालना पड़ेगा। आज जब हम बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जन्मशती मना रहे हैं, तो सही अर्थों में दलितों, पिछड़ों और कृषकों के प्रति उनके स्वप्नों को साकार करने में वर्तमान सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ संलग्न है और इसके सुखद परिणाम निकट भविष्य में दिखाई देने वाले हैं। देखना यह है कि विपक्ष सरकार की इस प्रगति का मूल्यांकन किस रूप में करता है क्योंकि उनकी कसमसाहट सरकार की कार्यकुशलता पर निर्भर है।

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