योगी और खट्टर को बदनाम करने की साजिश


उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को बदनाम करने की साजिश खुलेआम इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा की जा रही है जिस तरह से बयान को तोड मरोड कर पेश किया जा रहा है समझाने की कोशिश की जा रही है कि योगी मुख्यमंत्री नही बच्चों का हत्यारा है। ऐसा पहली बार नही है जब जब मौका मिलता है मीडिया इस तरह से जुगाड करने से गुरेज नही करती लेकिन पर्दे के पीछे का सच कुछ और ही है। भाजपा शासित राज्यों में यह खेल हमेशा से खेला जाता रहा है और यह काम विपक्ष करवाता है यह बात जनता भी खूब जानती है।
पिछले कुछ दिनों की सुर्खियों पर नजर डाली जाय तो भाजपा की हरियाणा व उत्तरप्रदेश सरकार के प्रति इलेकट्रानिक मीडिया का रूख बदला बदला रहा ।जिस तरह से गोरखपुर के अस्पताल में बच्चों की मौत पर ताडव किया गया उससे यह प्रतीत होने लगा था कि सरकार ही दोषी है और योगी जी दो दिन पहले वहां गये थे तो क्या देखा । वास्तव में वहां के सीएमएस व प्रबंधन की कारगुजारी थी जिसके चलते इतनी घटना हो गयी । सारा मामला खुला लेकिन मौत के गाल में जो बच्चे समा गये उन पर किसी ने टिप्पणी नही की और जिसका नतीजा निकला की इतनी भारी संख्या में बच्चों की मौत अगस्त के महीने में हो गयी। इसका जिम्मेवार अब मीडिया योगी सरकार को ठहरा रहा है।
इसी तरह हरियाणा में खट्टर सरकार के साथ हुआ , किसी को रोका जा सकता है 144 धारा लगी है तो चार आदमी एक साथ नही होने चाहिये उन्हें बंदी बनाये जाने का प्रावधान है लेकिन पूरे हरियाणा के अंदर सभी जेलों को मिला लिया जाय तो जितने आदमी वहां थे उन्हें वहां कैद नही किया जा सकता था। स्कूल कालेज बंद थे लेकिन दंगा करने वाले कौन थे इसकी पहचान नही हुई मीडिया भी राई का पहाड बनाने मे उसी तरह से जुटी जैसे सास बहू की लडाई में बहू को मौका मिल गया हो। कोई मीडिया से यह क्यूं नही पूछता कि आप बार बार कह रहें है कि एक बलात्कारी बाबा के लिये इतने लोग आ गये , प्रचार कौन कर रहा है बलात्कारी को प्रचार मिलना चाहिये । भाजपा सरकार ने अंदर किया उसकी बाहवाही करने के बजाय , उनपर तोहमत लगाकर आप भी तो राम रहीम के साथ ही खडे हो । परोक्ष रूप् से उसकेा चर्चा में ला रहे हो।
हरियाणा में भी ऐसा ही हो रहा है डेरा के लोगों ने दंगा किया इस बात को प्रमाणित करने का प्रयास किया जा रहाहै और मीडिया इस काम को अंजाम दे रहा है। लेकिन सच से पर्दा तो उठता ही है।सरकार का प्रयास रहा है कि हर दंगाई को गिरफतार किया जाय, उसने कोर्ट के सभी आदेश का सम्मान किया लेकिन तोहमत लगायी जा रही है। यही हाल गोरखपुर का है कौन लोग है इस कृत्य के पीछे उनकी पहचान हो गयी , प्राथमिकी दर्ज हो गयी और कोर्ट में पेशी भी हो रही है लेकिन योगी का इस्तीफा चाहिये।
सरकार को चाहिये कि जिन मामलों को मीडिया में दिखाया जा रहा है उसकी गहन जांच पडताल की जाय और दोषी लोगों के खिलाफ कारवाई की जाय। हर बार भाजपा सरकार को दोषी ठहराने का यह सिलसिला खत्म होना चाहिये और ऐसे लोगों पर लगाम लगनी चाहिये जो कि इस तरह का दुस्साहस कर रहें है।लोगों के गले से नीचे यह बात क्यों नही उतर रही है कि केन्द्र सरकार ने जो काम किया उसमें उस वर्ग को लाभ हो रहा है जिन्हें आजादी के बाद से अब तक कुछ नही मिला।

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