कांग्रेस के नहले पर बीजेपी का दहला

भाजपा बस उसी जूते से मार रहे हैं जिस जूते से कभी कांग्रेस ने भाजपा के अटल जी को मारा था ।इसे ही कहते हैं’मियां की जूती मियां के सर।’आज कांग्रेसी नेताओं को सुनेंगे तो यह कहेंगे ,बीजेपी में नैतिकता नहीं है।बीजेपी विधायक खरीद रही है।बीजेपी सांसद खरीद रही है।बीजेपी सरकार गिरा रही है।

अटल जी के साथ इस सोनिया गांधी और उसके सलाहकार अहमद पटेल ने जो कुछ किया था पत्रकार स्वप्नदास गुप्ता के अनुसार अटल जी के आंखों में आंसू आ गए थे और वहां मौजूद कई लोगों ने अटल जी को रोते देखा था।16 अप्रैल 1999 को अटल जी के सरकार का बहुमत परीक्षण होने वाला था, अटल जी आश्वस्त थे कि वह बहुमत साबित कर देंगे।कांग्रेस ने इतना गंदा खेल खेला की एनडीए में शामिल अकाली दल के सांसद इंद्रकुमार गुजराल को तोड़ा और गुजराल ने ह्विप का उल्लंघन करके अटल जी के खिलाफ वोट डाला।

इसके अलावा उस वक्त फारुख अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस जो एनडीए में शामिल थी।उस नेशनल कांफ्रेंस के सैफुद्दीन सोज को अहमद पटेल ने कुरान की कसम देकर अटल जी के सरकार के खिलाफ वोट देने को कहा था।यह सब तो ठीक था।उससे भी बढ़कर नीचता देखकर उस वक्त सब चौंक गए कि जब 15 फरवरी को ही उड़ीसा के मुख्यमंत्री का शपथ ले चुके गिरधर गोमांग सदन में आ गये थे।नैतिकता के अनुसार जब वह मुख्यमंत्री पद का शपथ ले लिए ,तब उन्हें संसद से इस्तीफा दे देना चाहिए था। लेकिन फरवरी में वह मुख्यमंत्री बने और अप्रैल तक उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा नहीं दिया।

यह तो अटल जी की महानता थी कि उन्होंने सदन में खड़े होकर कहा था।मैं सोनिया गांधी और गिरधर गोमांग के विवेक पर छोड़ता हूं कि क्या वह जो कर रहे हैं। वह नैतिक रूप से ठीक है और मुझे विश्वास है कि अपनी अंतरात्मा की आवाज मानते हुए गिरधर गोमांग सदन की वोटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि वह एक मुख्यमंत्री बने हैं।’लेकिन उसके बावजूद भी भारत के लोकतंत्र का बलात्कार करते हुए सोनिया गांधी ने गिरधर गोमांग से वोट दिलवाया था और मात्र एक वोट से अटल जी की सरकार गिर गयी थी।बाद में लॉबी में सारे पत्रकार थे और अटल जी की आंखें आंसुओं से भरी हुई थी।क्योंकि अटल जी को विश्वास था की सोनिया गांधी और गिरधर गोमांग देश के लोकतंत्र का सम्मान करेंगे।

एक जमाना था जब भाजपा में नैतिकता और उदारवादिता ही चलती थी और जिसका गलत फायदा इन कांग्रेसियों ने उठाया।

अब के समय की भाजपा जैसे को तैसा का उदहारण देते हुए कांग्रेस को एक-एक वोट के लिए एक-एक सरकार के लिए तरसा दे रहे हैं। जब भी कोई कांग्रेस की सरकार गिरती है तो यह ध्यान आता है की इन्हें इनके कर्मों का परिणाम प्राप्त हो रहा है|

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