प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नारे सबका साथ सबका विकास और उनके नेतृत्व में चल रही योजनाओं को लेकर के बसपा ने अपनी राजनीति में परिवर्तन किया है और अब वह सोशल इंजीनियरिंग की परिभाषा को बदलते हुए, सभी वर्गों के साथ चलने का आह्वान करती है।
बहुजन समाज पार्टी की तरफ से एक विशाल रैली लखनऊ में हुई। जिसमें सभी दल के लोगों ने भाग लिया। यह रैली उत्तर प्रदेश में हुई अब तक की सभी रैली में सबसे बड़ी थी, जो बसपा ने अब तक की। रैली में मायावती खुलकर काफी बात बोली, उन्होंने सपा को निशाने पर लिया और भाजपा की खुल कर तारीफ की, उन्होंने राजनेताओं पर भी तंज कसा और कहा कि ग्रामीण जनमानस को यह लोग भरमा रहे हैं और आपस में लड़ा कर उनका फायदा उठा रहे हैं। गांव वालों को यह नहीं करना है उनको यह सोचना चाहिए कि यह लोग तो चले जाएंगे, आपको यही रहना है इसलिए आपस में विवाद नहीं होना चाहिए, किसी मुद्दे को लेकर, किसी विचार को लेकर मतभेद नहीं होना चाहिए।
सबका साथ सबका विकास के फार्मूले पर काम करते हुए भाजपा ने देश को एक नए तरह की राजनीति करने का मौका दिया है। सभी को लाभ मिल रहा है जो कि अब तक नहीं हो पाया था। वह भी चाहती तो जाति की राजनीति कर सकती थी, लेकिन नहीं किया इसलिए तीसरी बार सत्ता में आई। योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि कटोगे तो बटोगे, सही है। बसपा कहती है कि मिलकर रहोगे तो सुखी रहोगे, नहीं तो मौकापरस्त नेता तुमको खा लेंगे।
मायावती की इस बात से पूरी यूपी में हलचल है। जिस तरह से सपा को निशाने पर मायावती ने लिया है। वह बौखलाई हुई है। अखिलेश यादव का बचाव करने के लिए,उनके चाचा को खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी। राजनीति ने भी बाजी मारी है, आज के दौर में बसपा सपा पर भारी है। अखिलेश यादव के जो बयान आ रहे हैं , उसे देख कर यही लगता है कि वह काफी मानसिक दबाव में है।