भारत सुधारेगा इंग्लैंड की आर्थिक स्थिति

हाल ही में लंदन के मेयर सादिक खान ने ‘ग्रोथ प्लान’ नाम की एक महत्वाकांक्षी योजना का अनावरण किया, जिसमें भारत को विदेशी निवेश (FDI) का सबसे बड़ा स्रोत बताया गया।लंदन ने इस ग्रोथ प्लान के तहत अगले दशक में अपनी अर्थव्यवस्था को 107 अरब पाउंड बड़ा करने और सार्वजनिक सेवाओं के लिए 27 अरब पाउंड अतिरिक्त टैक्स जुटाने का लक्ष्य रखा है लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि इस सपने को हकीकत में बदलने में सबसे बड़ा योगदान भारतीय निवेश और कुशल पेशेवरों का होगा।

लंदन एंड पार्टनर्स की सीईओ लॉराn ने कहा, ‘भारत से आने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) सबसे तेजी से बढ़ रहा है और पिछले दो वर्षों से यह हमारा नंबर एक स्रोत बना हुआ है।इसका सीधा मतलब है कि भारतीय टेक कंपनियां अब लंदन में अपनी जड़ें जमा रही हैं और इस शहर के आर्थिक पुनरुद्धार में अहम भूमिका निभा रही हैं। इतना ही नहीं, भारतीय छात्रों और पर्यटकों ने भी ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में एक नया जोश भर दिया है।यहां यह बता देना उचित होगा कि ब्रेक्सिट के बाद भारतीय छात्र बड़ी संख्या में लंदन की ओर रुख कर रहे हैं।2023-24 के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 38,625 भारतीय छात्र लंदन में पढ़ाई कर रहे हैं, जो एक दशक पहले की तुलना में चार गुना अधिक है।

भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनियां भी अब लंदन को अपना दूसरा घर बना रही हैं।भारत की प्रमुख आईटी कंपनी एमफेसिस ने हाल ही में लंदन में इनोवेशन हब स्थापित किया, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर काम किया जा रहा है।ब्रिटेन, जिसने कभी भारत को एक उपनिवेश की तरह देखा था, आज भारतीय प्रतिभा, निवेश और नवाचार के बिना खुद को कमजोर महसूस कर रहा है।लंदन के मेयर सादिक खान का यह बयान इस बात का प्रमाण है।

उन्होंने कहा हमारा यह ग्रोथ प्लान लंदन की पूरी क्षमता को अनलॉक करने का एक सुनहरा अवसर है। इससे न केवल 1.5 लाख नौकरियां पैदा होंगी, बल्कि परिवहन, आवास और तकनीकी क्षेत्र में बड़े सुधार भी होंगे।योजना का उद्देश्य यह भी है कि लंदन के सबसे कम आय वाले 20% परिवारों की साप्ताहिक आय में 20% की वृद्धि हो, जिससे 10 लाख से अधिक घरों को हर सप्ताह औसतन 50 पाउंड अधिक मिल सके।

एक समय ब्रिटेन की सत्ता ने भारत के संसाधनों का दोहन किया था, वहीं अब भारत अपनी ताकत के दम पर ब्रिटेन के सबसे बड़े शहर लंदन की अर्थव्यवस्था को संवार रहा है।वह दौर चला गया जब अंग्रेजों का साम्राज्य पूरी दुनिया पर राज करता था। अब भारतीय छात्र, उद्यमी और निवेशक लंदन के भविष्य की दिशा तय कर रहे हैं। इतिहास ने करवट ली है।अब भारत अपने विकास के साथ-साथ लंदन के हालात सुधारने में भी अहम भूमिका निभा रहा है। 

Leave a Reply