बात जुलाई 2020 की है।नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने यह दावा किया था कि भगवान राम भारतीय नहीं, बल्कि नेपाली थे। ओली ने कहा, “भगवान राम का राज्य अयोध्या नेपाल में बीरगंज के पश्चिम में स्थित है और भारत ने एक विवादित अयोध्या का निर्माण किया है।”
इसी तरह उन्होंने कहा कि लिपुलेख दर्रा विवाद भारत और नेपाल के बीच सबसे विवादास्पद सीमा विवादों में से एक है। यह कालापानी क्षेत्र के इर्द-गिर्द घूमता है, जहां दोनों देश काली नदी के उद्गम को लेकर असहमत हैं, जिसे 1816 की सुगौली संधि के तहत सीमा के रूप में परिभाषित किया गया था।नेपाल का कहना है कि यह नदी लिपुलेख के उत्तर-पश्चिम में लिंपियाधुरा से निकलती है, जिससे कालापानी और लिपुलेख उसके क्षेत्र में आ जाते हैं।हालांकि, भारत का कहना है कि नदी कालापानी गांव के पास से शुरू होती है, जिससे यह क्षेत्र उत्तराखंड का हिस्सा बन जाता है।
नेपाल के जिन ने सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ क्रांति करते गुए ओली सरकार को उखाड़ फेंका है। ओली ये टिप्पमी प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद आई है। नेपाल में इस समय राष्ट्रपति शासन है और अंतरिम सरकार गठन पर काम चल रहा है। इस बीच जिन ने कहा कि छह महीने के अंदर संघीय संसद के चुनाव कराए जाएं, जिसमें युवा पीढ़ी को भी शामिल किया जाए और पिछले 46 सालों में सभी सार्वजनिक पदों पर रहे लोगों की संपत्ति की जांच शुरू की जाए। साथ ही, न्यायिक जांच कर भ्रष्टाचार और घोटालों में शामिल लोगों को सजा दी जाए। दो महीने के अंदर नया संविधान लागू किया जाए।
प्रदर्शनकारियों ने देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की भी शर्त रखी. जेन जी ने कहा कि कार्यकारी प्रमुख (प्रधान नेता) सीधे जनता द्वारा चुना जाए।सांसदों को मंत्री बनने से रोकने का नियम बनाया जाए। स्टेट संरचना पूरी तरह से खारिज कर केवल स्थानीय और संघ रखने की भी सलाह दी।
युवाओं ने मीटिंग के दौरान कहा कि कोई भी व्यक्ति दो कार्यकाल से ज्यादा प्रधानमंत्री नहीं बन सकता। योग्यता के आधार पर ही प्राधिकरण, न्यायालय और अन्य संवैधानिक परिषदों में नियुक्ति की जाए, और जरूरत पड़ने पर उन्हें तुरंत हटाया भी जा सके। राष्ट्रीय सभा (संसद) को किसी भी सियासी पार्टी से मुक्त रखा जाए. स्थानीय स्तर पर भी राजनीति से अलग, गैर-दलीय व्यवस्था बनाई जाए। इस दौरान युवाओं ने किसी भी राजनीतिक पार्टी में पत्रकार, डॉक्टर, शिक्षक, छात्र या स्टाफ को शामिल नहीं किए जाने की मांग की।