अच्छे दिनों की बुनियाद रखी जा चुकी है

atal-pension-yojana-imageअक्सर लोग पूछते हैं कि वर्तमान सरकार आम आदमी के लिए क्या कर रही है? महंगाई ज्यों की त्यों है। आम आदमी को रोजमर्रा की जरूरतों के सामान भी आसानी से नहीं मिल रहे हैं। वे कहते हैं कि हमलोगों ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को सरकार में बिठा दिया, पर अच्छे दिन कब आएंगे?
शुरुआती दिनों में मुझे भी चिंता होती थी। परंतु एक बात जो आश्वस्त करती थी वह थी नरेंद्र भाई की सोच। उनकी आम आदमी के लिए कुछ करने की ललक एवं अदम्य इच्छाशक्ति। मई 2014 में मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद कई पॉलिसीज व प्रोग्राम की शुरुआत हुई। अगर उन पर नजर डालें, तो लगता है कि यह पूरे भारत की तस्वीर और तकदीर बदलने की कोशिश है। पिछले 65 वर्षों में जो कुछ भुला दिया गया था, उसे फिर से स्थापित करने की जद्दोजहद है। हर दिन एक नया प्रयास हो रहा है। वह है भारतीयता को व भारत की आत्मा को जीविता रखने का।
भारत गांवों में बसता है। अभी भी सत्तर फीसदी से अधिक लोग गांवों में रहते हैं। उनकी स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। किसानों की आत्महत्या और उनकी दयनीय माली हालात से हम सभी वाकिफ हैं। कांग्रेस की सरकार ने क्या किया? कर्ज माफी। 60 हजार करोड़ रुपये की कर्ज माफी।
क्या हुआ? क्या इससे उनकी हालत में कोई सुधार हुआ? नहीं। क्योंकि वे लोग उनकी हालत को सुधारना ही नहीं चाहते थे। वे सिर्फ उन्हें अपने वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करना चाहते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पहली बार उनकी समस्याओं को समग्रता से देखा और फसल बीमा योजना एवं कृषि सिंचाई योजना के रूप में स्थायी समाधान प्रस्तुत कर दिया। आने वाले दिनों में किसानों को बुआई से लेकर बेचने तक किसी भी प्रकार की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। मामूली सी रकम फीसद देकर उन्हें न तो मानसून की भयावहता से डिगने की जरूरत पड़ेगी और न ही बिचौलिए उन्हें भयभीत कर पाएंगे। वे भयमुक्त होकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकेंगे।
जाहिर है, जब किसानों की स्थिति सुदृढ़ होगी, तो उनके व उनके बच्चों का गांव छोड़कर बाहर जाने की संख्या में भी कमी आ जाएगी। गांव से उदासी का माहौल खत्म होगा। अधिकांश गांवों में बूढ़े-बुजुर्गों के साथ युवा और बच्चे भी नजर आने लगेंगे। साथ ही आने वाले वर्षों में प्रधानमंत्री की आदर्श ग्राम योजना गांवों में फलीभूत होती हुई दिखने लगेगी। एक के बाद एक दूसरे गांवों में संरचनात्मक परिवर्तन भी देखने को मिलेगा। युवा वर्ग के सपनों के अनुरूप गांवों का विकास होगा। वे लोग गांव में खुशनुमा माहौल पैदा कर पाएंगे। गांवों-गलियों में चहुं ओर स्वच्छता उपलब्ध होगी। आज से सौ वर्षों के बाद गांवों का स्वरूप कैसा होगा, उसके अनुरूप विकास का बीजारोपण प्रधानमंत्री के द्वारा कर दिया गया है। देश के सभी पंचायतों को फाइबर नेटवर्क से जोडऩे का कार्य प्रारंभ हो चुका है। यह प्रयास है वहां के तरूणाई को महानगरों सी सुविधा पहुंचाने का। उनके सपनों को पंख लगाने का। किसान चैनल एक ओर किसानों को किसानी जरूरत सूचना देने की पहल है। वहीं उनके बच्चों को हाई स्पीड नेटवर्क भी मिल सके। उनके लिए फाइबर नेटवर्क महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगा।
साथ ही उन नौजवानों को जिनके हाथ में काम नहीं है, मोदी सरकार उन्हें रोजगार देने के लिए कटिबद्ध है। कौशल विकास कार्यक्रम इस दिशा में अहम कड़ी साबित होगी। कौशल विकास से उद्योग जगत को भी लाभ मिलेगा। प्रशिक्षिात युवाओं की कमी से उद्योग जगत वाकिफ है। उन्हें इसकी प्रशंसा करनी चाहिए कि सरकार उनके काम को सही ढंग से निष्पादन करने के लिए कौशल केंद्र खोलकर प्रशिक्षु युवा पुल तैयार कर रही है।
मेक इन इंडिया एवं स्टार्ट अप इंडिया के तहत सरकार का मकसद नव उद्यमी तैयार करने का है। वह दिन दूर नहीं जब उद्यमियों की संख्या गिनती के नहीं होंगे। लाखों की संख्या में बिजनेस घराने तैयार हो जाएंगे जो दुनिया से स्पर्धा करने में पूरी तरह सक्षम होंगे। टैक्स होलिडे, सिंगल विंडो सिस्टम स्थापित करना एवं उन्हें प्रोत्साहन के लिए हर स्तर पर सरकार की ओर से मदद का आश्वासन है नया भारत बनाने का। वह भारत जहां सपना साकार रूप ले सके। संख्या आधारित आर्थिक क्षेत्र को प्रधानमंत्री ने सपना आधारित कर दिया। आर्थिक समीक्षक जो 8 एवं 10 प्रतिशत की ग्रोथ में आर्थिक जगत को देखते थे। उनके लिए भले ही यह समय निराशाजनक लग रहा हो, लेकिन यह मैजिक बैंड है, जिसमें विकसित भारत का मूलमंत्र है। विकसित भारत कैसा दिखे? क्या स्वरूप हो? इसके लिए भी संरचनात्मक परिवर्तन की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। सौ स्मार्ट शहर बनाने की घोषणा कर दी गई है। देश में परिवहन व्यवस्था को अत्याधुनिक बनाने की दिशा में कई ठोस कदम उठाए गए हैं। भौगोलिक जटिलताओं का कैसे अवसर में बदला जाए, इस पर काम हो रहा है। जल, थल, नभ हमारे लिए बाधा नहीं है, बल्कि पूरक हैं। नितिन गडकरी जी लोकसभा में अपने विचारों को रखा कि ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि सड़क मार्ग पर चलती हुई बस जल मार्ग पर भी चलने लगेगी। यह वर्तमान समय में अभूतपूर्व योजना है, लेकिन पौराणिक ग्रंथों में इसके संकेत हैं। ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारी सरकार सभी पारंपरिक व अत्याधुनिक तरीकों को तलाशने की कोशिश कर रही है।
सौ वर्ष आगे की दृष्टि रखते हुए प्रधानमंत्री ने गांवों और शहरों में किस तरह के बदलाव आएंगे, उसका बीजारोपण किया है। यह स्वागतयोग्य है। वहीं वर्तमान में अंतिम पायदान पर जीवन यापन कर रहे लोगों के जीवन में तात्कालिक बदलाव लाने के लिए बढ़ाए गए कदम सराहनीय हैं। लोखों लोगों को मुद्रा योजना के तहत कर्ज दिया गया। जन धन योजना के तहत लोग बैंकों से जुड़े। फाइनेंशियल इन्क्लूजन का यह अप्रतिम उदाहरण है। गीव अप सब्सिडी में उन लोगों ने हिस्सा लिया, जिनपर यह आरोप लगता था कि वे छोडऩे वाले लोग नहीं, बल्कि सब कुछ लेने वाले लोग हैं। यह ऐसा इसलिए हुआ कि हमारे प्रधानमंत्री ईमानदार हैं। उनकी ईमानदारी की वजह से ही केंद्रीय सचिवालय में अब दलाली का गोरखधंधा ठप है। जो एक समय में भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुका था। भ्रष्टाचार मुक्त सरकार की अभिकल्पना साकार हो रहा है। पारदर्शिता के लिए लोगों के अकाउंट आधार संख्या से जोड़े जा रहे हैं। गरीबों को सीधे उनके खाते में पैसा पहुंच रहा है। साथ ही गरीबों के लिए अटल पेंशन योजना, बीमा योजना की शुरुआत की गई है। इन सभी योजनाओं का लाभ आम आदमी को मिलेगा। उन लोगों को मिलेगा जो अब तक सरकार से कटे हुए थे। वर्तमान सरकार समाज के हर तबके के लोगों को ध्यान में रखकर कदम उठा रही है। साथ ही यह भी सुनिश्चित कर रही है कि हम विश्व परिदृश्य में भी पीछे नहीं रहे। दूरदर्शिता, सामाजिक सुरक्षा के साथ विकास की गति देने में सरकार जुटी हुई है। महंगाई पर काबू पाना बाकी है, लेकिन अन्य लाभ जो अभी नहीं दिख रहे हैं वह शीघ्र ही सामने होंगे और हम इस सरकार की सराहना करेंगे। अच्छे दिन की बुनियाद रखी जा चुकी है परिणाम भी अब दिखेंगे।

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