कहीं नये बदलाव का संकेत फिर तो नही मिल रहा

Tony Seba, Stanford यूनिवर्सिटी में व्याख्याता हैं। दुनिया भर में व्याख्यान देते हैं। उन्होंने एक किताब लिखी है। Clean Disruption of Energy and Transportation. वो अपने व्याख्यान की शुरुआत अक्सर एक Picture दिखा के करते हैं। सन् 1900 में Newyork शहर के 5th Avenue सड़क पे सिर्फ घोड़ागाड़ी दिख रही हैं। उसी सड़क पे सन् 1913 में सिर्फ Cars ही दिख रही हैं। यानी की सिर्फ 13 सालों में Car ने घोड़ागाड़ी को मार्किट से बाहर कर दिया। ऐसा नही था की सरकार ने घोड़ा गाड़ी का साथ नही दिया या फिर Car निर्माताओं के पक्ष में ही नीतियां बनाई।  घोड़ागाड़ी सिर्फ Technology से हार गयी। सन् 2000 Kodak के इतिहास का सबसे कामयाब साल था। इस साल उन्होंने रिकॉर्ड 1.4 बिलियन डॉलर मुनाफा कमाया। सिर्फ 4 साल बाद सन् 2004 में Kodak दीवालिया हो गयी । ऐसा क्या हुआ 4 साल में? Digital Photography की तकनीक ने Kodak को बाजार से बाहर कर दिया।इसे व्यापार और वाणिज्य की भाषा में Disruption कहते हैं। 20वीं सदी में जब कोई नया आविष्कार और नया प्रोडक्ट बाज़ार में आता था तो उसे पकड़ बनाने में 10 – 20 साल लगते थे। आज 21वीं सदी में ये काम दो चार साल में हो जाता है । Color TV की बाजार में हिस्सेदारी 1950 से 1965 तक सिर्फ 2 % थी । 1965 से 1980 के बीच ये 80% हो गयी और 1984 आते आते B&W TV बाज़ार से पूरी तरह बाहर हो गया। 1965 रंगीन TV के लिए Tipping Point था ।टेक्नोलॉजी मैं बदलाव की वजह से कई बड़े-बड़े उद्योग घराने को हमने धीरे-धीरे खत्म होते हुए देखा है। इसका ताजा उदाहरण जिओ की वजह से अन्य मोबाइल कंपनियों का दे सकते हैं.!

2009 तक UBER का जन्म भी नही हुआ था। आज सिर्फ 10 साल में पूरी दुनिया की Taxi बाज़ार पे UBER का कब्जा है। पिछले 10 साल में UBER ने हर साल 100% सालाना से भी ज़्यादा grow किया।आज दुनिया भर में सभी कंपनियों की जितनी Taxi booking होती है उस से ज़्यादा अकेली UBER की होती है । *Tony Seba कहते हैं कि सन् 2020 में एक और Tipping point आ रहा है । निर्मला सीतारमण द्वारा ओला और उबर कंपनियों पर की गई टिप्पणी वास्तविकता के करीब ही है दिल्ली मुंबई जैसे शहरों में दो और तीन कारें रखने वाले घरों में धीरे धीरे कारें कम होती जा रही है!
 

Electric Vehicle, Driverless Vehicle और Uber जैसे Software, ये तीनों मिल के अगले 5 साल में automobile दुनिया की तस्वीर बदल देंगे। जो नामी-गिरामी कंपनियां समय के साथ कदमताल नहीं करेगी उनका खत्म होना तय है मौजूदा  परिस्थितियां  बता रही है कि इसकी शुरुआत हो चुकी है जैसा merger मोबाइल कंपनियां आपस में कर रही है वैसा ही ऑटोमोबाइल कंपनियों को भी करना पड़ेगा ।दुनिया भर में 12 Mega Factories Lithium — Ion बैटरी बना रही हैं।सिंगापुर में Driverless cars चलने लगी हैं। कई लोग सवाल पूछते हैं की कितने लोग Electric Vehicles या Driverless Cars Afford कर पाएंगे ? किसी भी चीज़ का जब Mass Production होता है तो कीमतें तेज़ी से घटती हैं और 100 रु की चीज़ 1 रु में मिलने लगती है ।  एक अनुमान है की 2030 तक बाजार पर Driverless Electric Vehicles का कब्जा हो जाएगा और सरकारें आज की Manually driven cars को Ban कर देंगी क्योंकि ये तब Security Risk हो जाएंगी। इसके अलावा 2030 तक Car की Individual Ownership खत्म हो जाएगी और सड़क पे cars सिर्फ Tesla, Google, Uber जैसी कंपनियों की ही चलेंगी और On demand उपलब्ध होंगी !सड़कों से 80%cars गायब हो जाएंगी। petrol डीज़ल की खपत 30% तक घट जाएगी इससे सभी तेल उत्पादक देशों की economy बैठ जाएगी और वो दिवालिया हो जाएंगे। EV यानी कि बिजली से चलने वाली गाड़ी तेल से चलने वाली गाड़ी से 100 गुनी सस्ती होगी और उसकी life भी आज की कार से 100 गुणा ज़्यादा होगी। आने वाले समय में , यानी आज से सिर्फ 5 या 10 साल बाद Car चलाना इतना सस्ता हो जाएगा की कार में सिर्फ टायर घिसेगा । बाकी सब खर्च तकरीबन शून्य ही होगा । Tesla और Google जिन गाड़ियों पे काम कर रहे हैं उनके बिजली चलित इंजन की वारण्टी 15 लाख Km तक होगी क्योंकि इंजन का कुछ बिगड़ेगा ही नही । डीज़ल पेट्रोल इंजन में जहां 2000 Components होते हैं वही Electric इंजन में सिर्फ 18 components होते हैं । इसीलिए उसकी लाइफ बहुत ज़्यादा होती है । ICE यानी Internal Combustion Engine यानी डीज़ल पेट्रोल से चलने वाले इंजन सिर्फ 16 से 20% Energy Efficient होते हैं जबकि Electric Engine 95% तक energy Efficient होते हैं। इसलिए ये तकनीक की दौड़ में Electric इंजन से हार के बाहर हो जाएंगे ! Driver Less Car की छत पे एक उपकरण लगता है जिसे LIDAR कहते हैं। वो एक तरह से car की आंख और दिमाग होता है।2012 में जिस LIDAR का मूल्य 70,000 डॉलर था वही आज सिर्फ 250 डॉलर में मिल रहा है और 2020 तक इसका दाम 5 डॉलर तक गिर जाने की संभावना है। इसी तरह Electric Vehicle का हर उपकरण आने वाले समय में 1000 गुना तक सस्ता हो जाएगा और इन कारों की कीमत 2030 तक आज की कार से आधे से भी कम हो जाएगी।पूरी दुनिया 2030 तक Solar Energy पर shift हो जाएगी और Hydro, Thermal, Nuclear बिजली बेहद महंगी होने के कारण बाजार से बाहर हो जाएगी। *Solar energy का उत्पादन और उसकी storage Li-Ion battery के mass production के कारण आज की इस बिजली से 100 गुना ज़्यादा सस्ती होगी।दुनिया बड़ी तेज़ी से बदल रही है । इतनी तेज़ी से की आप उसकी चाल महसूस ही नही कर सकते।अपने इर्द गिर्द नज़र दौड़ाइये।आपकी इंडस्ट्री में भी तो कोई नया product,कोई नया Software नही आ रहा या आपके इर्द गिर्द भी कोई Tipping Point तो तैयार नही हो रहा ?

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