गौ संरक्षण कानून और देश के राज्य

 भारत में आज राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं। मार्च 2017 तक भारत के 84 फ़ीसदी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गौ-हत्या पर प्रतिबंध है। इन इलाकों में 99% आबादी रहती है। गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाए गए लगभग आधे राज्यों में कानून 50 वर्ष पुराने हैं।

1969 में कांग्रेस के विभाजन के बाद 80 फ़ीसदी से अधिक राज्यों में गौ हत्या पर प्रतिबंध का कानून कांग्रेस विरोधी सरकारों के शासन के दौरान हुआ है।

पिछले 23 सालों में 11 में से 10 राज्यों में विशेष रुप से लागू किए गए गौ-संरक्षण कानून अधिक सख्त हैं।

सेंट्रल डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबेंडरी डेयरिंग एंड फिशरीज (DAHD)  के अनुसार चार राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और संघ शासित प्रदेश लक्ष्यदीप में गौ हत्या से संबंधित कानून नहीं है। मणिपुर में गौ हत्या के खिलाफ कानून महाराज चूड़ानंद सिंह के शासनकाल के दौरान 1936 में घोषित दरबार संकल्प पर आधारित है।

 जून 2017 में राजस्थान उच्च न्यायालय ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने तथा गो-वध करने वाले को आजीवन कारावास की सजा दिए जाने की सिफारिश सरकार से किया था।

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के अनुसार मेघालय देश में सबसे अधिक बीफ का सेवन करने वाला राज्य है और यह आंकड़ा लक्ष्यदीप और नागालैंड से अधिक है।

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