दिल्ली का एमसीडी चुनाव

दिल्ली के एमसीडी चुनाव में बहुत सी चीजें सामने आई हैं हर दल के चुनाव में अपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों की अधिकता है एमसीडी एमसीडी चुनाव में ऐसे प्रत्याशी जिन पर अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं की संख्या में 3% का इजाफा हुआ है वर्ष 2017 के चुनाव में अपराधिक मुकदमे वाले प्रत्याशियों की संख्या 7% थी जो 2022 में 10% हो गई ऐसे प्रत्याशियों की संख्या में 3% की बढ़ोतरी पर एसोसिएशन ने चिंता जताई है एडीआर ने 1349 कुल प्रत्याशियों में 1336 प्रत्याशियों के हलफनामे का आकलन किया है इस वर्ष निगम की 250 सीटों पर चुनाव हो रहा है भाजपा ने 247 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है इनके अलावा और अन्य दलों के प्रत्याशी चुनाव मैदान में सर्वाधिक अपराधिक मुकदमे दर्ज करने वाले प्रत्याशियों में प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा है तीनों निगमों के एकीकरण के बाद यह पहला चुनाव है जबकि वर्ष 2017 में तीनों नगर निगमों में अलग-अलग कुल 272 सीटों पर चुनाव हुआ था जिसमें भाजपा ने 181 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

प्रत्याशियों की शैक्षिक स्थिति की बात करें तो प्रत्याशियों की शैक्षिक स्थिति में अनपढ़ प्रत्याशियों की संख्या 7 है जो 1 से 24 वर्ष के हैं पढ़े लिखे लोगों की संख्या 22 है जो 25 से 30 वर्ष के हैं पांचवी पास 66 हैं जिनकी संख्या 31 से 40 वर्ष आठवीं पास 168 है दसवीं पास 209 है 12वीं पास 309 है और इस सनातक 263 है स्नातक पेशेवर 81 स्नातकोत्तर 137 डेट 6 और डिप्लोमा होल्डर 12 है जो अपनी शैक्षिक योग्यता के बल पर एमसीडी को आगे ले जाना चाहते हैं।प्रत्याशियों के आयु की बात करें तो 21 से 24 वर्ष के 25 प्रत्याशी हैं 50 से 30 वर्ष के 102 प्रत्याशी हैं 31 से 40 वर्ष के 102 प्रत्याशी हैं 41 से 50 वर्ष के 484 प्रत्याशी हैं 51 से 60 वर्ष के 257 प्रत्याशी हैं 61 से 70 वर्ष के 68 प्रत्याशी हैं और 1000 से 80 वर्ष के 5 प्रत्याशी हैं और 12 प्रत्याशियों ने अपना विवरण नहीं दिया है।

अपराधिक मामलों की बात करें तो सपा के एक प्रत्याशी जिनके घोषित आपराधिक मामले आ चुके हैं और अघोषित कई अपराधिक मामले हैं आरएलडी के 11 प्रत्याशियों के मामले हैं एआईएम आई एम के तीन प्रत्याशी ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मामले हैं और 5 प्रत्याशी ऐसे हैं जो अघोषित अपराधिक मामलों के हैं जेडीयू में एक प्रत्याशी पर मामला घोषित है।अभी उसके मामले चल रहे हैं एनसीपी में भी दो-दो प्रत्याशी हैं जिनके ऊपर अपराधिक मामले हैं बसपा में तीन, निर्दलीय में जो है 20 अपराधी कैसे हैं जो कि जिनके ऊपर अपराध घोषित हो चुका है जबकि चार ऐसे हैं जिन पर अपराध घोषित होना बाकी निर्दलीय प्रत्याशी ऐसे हैं जो अपराधिक छवि के कांग्रेसमें 27 ऐसे हैं जो अपराधिक छवि के हैं आप में 64 प्रत्याशी अपराधी के हैं भाजपा में 40 प्रत्याशी ऐसे हैं जो अपराधिक छवि के हैं।

अब सवाल यह उठता है कि दिल्ली की एमसीडी को यह अपराधिक छवि वाले प्रत्याशी क्या दे सकते हैं यदि जीत गए तो वहां भ्रष्टाचार बढ़ेगा क्षेत्र में अपराध पड़ेगा और अवैध वसूली की जाएगी ।राजनीतिक दल इस तरह का काम क्यों करते हैं कि अपराधियों को राजनीति में ले आए। एक समय बाद यही अपराधी उनको राजनीति सिखाने लगते हैं। सभी पार्टियों को अपराध मुक्त एमसीडी चलाने के लिए लोगों के हाथ में देना चाहिए लेकिन जिस तरह से वह अपराध के दायरे में जा रहे हैं उससे एक नई तरह की राजनीति का जन्म हो रहा है जो आने वाले समय में समाज के लिए बहुत ही दुखद होगा।

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