सोशल मीडिया पर जो कुछ दिखाई देता है वह सच नही होता , इसका मूल कारण यह है कि हर आदमी अपने ढंग अफवाहों को फैलाने में लगा है। अब उप्र को ले लीजिये वहां यह हो रहा है वह हो रहा है यह बात जो कह रहें है वह वो लोग है जो कि योगी सरकार को पसंद नही करते या फिर उनके बारे में इतना भ्रम फैला देना चाहते है कि वह अस्थिर हो जाय। इसी तरह गोमांस एक विषय है जिसे लेकर समाज में गंदा माहौल तैयार किया जा रहा है। धृणित तस्वीरों से नागरिको की सुबह को खराब किया जा रहा है , तीन तलाक पर ड्रामा कर उसे चर्चा का मूुद्दा बनाया जा रहा है ,ऐसे तमाम मुद्दे है जो कि प्रासंगिक नही है लेकिन उसे कुरेदा जा रहा है।यह सही नही है।इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है और सरकार को लगाना भी चाहिये ताकि इस तरह की गतिविधियों को रोका जा सके।
सर्व प्रथम यह बात ध्यान देने योग्य है कि सोशल मीडिया को इतनी आजादी क्यों है कि वहां किसी का भी मजाक उडाया जा सके, हर व्यक्ति का एक चरित्र होता है और उसके चरित्र से खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नही होना चाहिये। राहुल गांधी देश की बडी पार्टी के नेता है , अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री और नरेन्द्र दामोदर मोदी देश के प्रधान मंत्री है , अन्य में लालू प्रसाद ,मुलायम व सोनिया आदि देश के सम्मानित पद पर बैठने वाले नेता रहें है। उनपर कार्टून बनाकर डालना और कमेंट लिखना दोनों ही गलत है। किसी के अस्मिता से खिलवाड़ का अधिकार नही होना चाहिये । इस काम में जो लोग लगे है उन्हें सरकार आसानी से पकड़ कर उनका खेल बिगाड सकती है और लगाम कस सकती है लेकिन वह ऐसा क्यों नही कर रही है यह बात अभी भी समझ से परे है।
दूसरी बात यह है कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर ब्लू फिल्में पोस्ट करते है जो कि परिवारदार आदमी के लिये शर्म का विषय है। कुछ दिनों पहले इसी तरह की घटना दिल्ली के राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर घटी थी काफी शर्मिन्दगी लोगों को उठानी पड़ी थी कारण था कि पीक आवर में किसी शरारती ने ब्लू फिल्म को लिंक कर दिया था जिसे हजारों लोगों ने देखा और निगाहें गिरा ली। भारत एक सनातन विधा वाला देश है और उसके संस्कार एैसे नही रहे कि वह इस तरह की हरकत को अंजाम दे सके यह काम किसी गलत आदमी का था उसे पकडना चाहिये था लेकिन हम अभी तक उसका क्लू नही निकाल सके।
सरकार को चाहिये कि निष्पक्षता से एक आईटी की टीम बनाये जो कि आरक्षण की गंदी व्यवस्था से दूर रहे और उसे यह काम सौंपे कि देश के भीतर इस तरह की पोस्ट न जारी हो और एक सेंसर का नियम बने कि जिस भी आदमी ने पोस्ट जारी की वह देश हित में है कि उसकी समीक्षा हो सके और उसे जारी करने का अधिकार उसके ही पास हो ताकि गलत माहौल न तैयार हो सके।ब्लू फिल्म वालों को कतई न बख्सा जाय और कड़ी से कड़ी कारवाई की जाय। इसके अलावा सोशल मीडिया की साइट चलाने वाले को भारत में आधार कार्ड से लिंक किया जाय ताकि वह एक ही साइट चलाये , अभी एक आदमी कई साइट चलाता है और पकडे जाने पर दूसरी साइट को फर्जी बता देता है।हांलाकि सरकार ने फोन से पुष्टि किये जाने को वरीयता दी है लेकिन फोन उसी आदमी का या फर्जी आईकार्ड पर जारी हुआ है यह कहना मुश्किल सा है इसलिये सरकार अपनी तरफ से आधार कार्ड के जरिये उसकी पहचान करे तभी सोशल साइट पर उसकी उपस्थिती दर्ज हो सके।
सोशल मीडिया पर जो लोग अश्लील साहित्य या वीडियो पोस्ट करते है उसमें से ज्यादा तर लोगों की पहचान फर्जी होती है और वह किसी और की आईडी प्रयोग में लाते है।चूंकि मोबाइल से पुष्टि होती है इसलिये वह आसानी से इस काम को अंजाम दे लेते है किन्तु अगर यही काम आधार कार्ड से हो तो इससे दो फायदे होगें । पहला यह कि हर आदमी के पास एक साइट होगी और दूसरा वह पहचान में होगा कि यही है । सबसे बड़ी बात यहकि फिर वह किसी भी पोस्ट को डालने से पहले सोचेगा। गलत तो बिल्कुल ही नही डालेगा और आप अपनी बात बेबाकी से सबके सामने पोस्ट कर सकोगे।