अब उपग्रह पथकर प्रणाली

केंद्र सरकार परिवहन विभाग पर से जिम्मेदारियां का बोझ कम करने की कवायत में उसने कई ठोस निर्णय लिए हैं । सबसे महत्वपूर्ण यह है कि पथ कर प्रणाली को बदल दिया है। आप नई प्रणाली स्थान लेकर जिसका नाम होगा उपग्रह करपथ प्रणाली।

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार पथकर के लिए उपग्रह आधारित पथ कर प्रणाली शुरू करने का विचार कर रही है जिसके तहत टोल नाके हटा दिए जाएंगे और वाहन चालकों को केवल उतनी ही दूरी का पथकर देना होगा जितनी दूरी वह चलेंगे।

 सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा को प्रश्नकाल के दौरान बताया, सरकार पथकर के लिए दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी ‘उपग्रह आधारित पथकर प्रणाली’ लाने का प्रयास कर रही है। इस व्यवस्था के तहत टोल नाके हटा दिए जाएंगे। लोगों को कहीं रुकने की जरूरत नहीं होगी।लोगों के वाहन की नंबर प्लेट की फोटो ली जाएगी और जहां से प्रवेश होगा तथा जहां से निकासी होगी, केवल इतनी ही दूरी का पथकर लिया जाएगा। यह राशि वाहन चालक के बैंक खाते से काट ली जाएगी।

एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया, टोल बूथ से हर दिन औसत संग्रह से 49 हजार करोड़ रुपये की आय होती है।उन्होंने कहा ‘फास्टटैग व्यवस्था का 98.5 प्रतिशत लोगों ने उपयोग किया है तथा 8.13 करोड़ फास्टटैग जारी किए गए हैं। इसके तहत हर दिन औसतन 170 से 200 करोड़ रुपये का पथकर आता है। बीओटी परियोजना से जुड़े एक सवाल के जवाब में बताया, जब उन्होंने परिवहन मंत्री का पद संभाला था तब तीन लाख 85 हजार करोड़ रुपये के 406 परियोजनाएं बंद पड़ी थे तथा बैंकों में तीन लाख करोड़ रुपये का एनपीए पड़ा था। जिसके लिए समाधान निकालने की जरूरत थी।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बैंकों के प्रतिनिधियों, विशेषज्ञों की बैठक बुला कर समाधान निकाला गया। हमने 20 प्रतिशत परियोजनाएं रद्द कर दी। यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि हमने भारतीय बैंकों को तीन लाख करोड़ के एनपीए से बचाया। ‘बनाओ, चलाओ और सौंप दो’ (बीओटी) परियोजना आमतौर पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी में उपयोग किया जाने वाला एक मॉडल है। जिससे सभी को लाभ हो रहा है।

जहां तक उपग्रह पथ कर प्रणाली की बात है तो आने वाले समय में उसका स्वरूप क्या होगा, यह सभी को देखने को मिल जाएगा लेकिन सरकार को उम्मीद है कि यह एक सुखद निर्णय है जो आने वाले समय में बहुत ही प्रभावी होगा पूरी तरह ईमानदारी से पथ कर लोगों से लिया जाएगा ।किसी भी तरह का भ्रष्टाचार इस मामले में देखने को नहीं मिलेगा यह अपनी तरह की अनूठी योजना है जिसे सरकारी यूपीआई की तरह देख रही है और उसे उम्मीद है कि एक अच्छी आय देश को इस व्यवस्था से प्राप्त होगी।

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