हर देश की अपनी एक सेना होती है जिसपर देश की सुरक्षा का जिम्मा होता है लेकिन देश की जनता उनके लिये कुछ और ही सोचती है । मसलन पगार लेते है तो यह काम करते है सुविधा दी जाती है वगैरह बातें होती है लेकिन उनके लिये किसी के दिल में कोई भाव नही होता । सरकार कुछ रकम देकर उसके परिवार का दर्द मिटाने का प्रयास करती है लेकिन मृतक की आत्मा का क्या , वह मुक्त होती है या भटकती रहती है । देश की जनता का कोई लेना देना नही। पहली बार इस पर बात रखी गयी है और अब जिन शहीदों को हम नही जानते उनके लिये एक अनुष्ठान किया जा रहा है जो उनके आत्मा को शांति प्रदान करेगा और इतिहास में ऐसे शहीदों के लिये काकभुसुण्डी कथा जो कि मोक्ष प्राप्ति में सहायक हो सुनायी जायेगी । यह सब शंकराचार्य अच्युतानंद तीर्थ की अगुवाई में होगा जिसमें कई प्रख्यात महामंडलेश्वर व संत व गुरू हिस्सा लेगें।
देश में पहली बार शहीदों को लेकर कोई कार्यक्रम होने जा रहा है और करोडो रूप्ये के इस अनुष्ठान में जो लोग सहयोग देगें वह शहीदों के प्रति अच्छी सोच रखने वाले लोग होगें । जिन्होने देश के लिये कुर्बानी दी उनको याद रखा और आयेगें यह इस बात को इंगित करता है कि देश के प्रति इन लोगों की सोच बदली है और अपनी सोच को भी इसमें शामिल करना चाहिये। हर आम नागरिक को इस बात का मलाल होना चाहिये कि देश के लिये जान देने वाले शहीद का अपना कोई परिवार नही है बल्कि देश ही परिवार है और हर आदमी को सालासर बालाजी राजस्थान में होने वाले इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिये और आयोजित भंडारे की शोभा बढानी चाहिये । गर्व होना चाहिये कि हम देश के इस भाई के काम आये।
विदित होना चाहिये कि इस कार्यक्रम की अगुवाई कोई और नही बल्कि स्वयं शंकराचार्य कर रहें है जो हिन्दूआंे के धर्म गुरू है और रूह की शाति के लिये बचनबद्ध है। वह चाहे किसी भी धर्म का हो । 24 अक्टूबर से प्रारंभ हुए इस धार्मिक अनुष्ठान में बाल्मिकी रामायण , राम चरित्र मानस कथा ,तुलसी विवाह व सभी ब्रत के बारे में बताया जायेगा।साथ में काक भुसुडी रामायण कथा का भी आयोजन किया गया है।जो पहली बार होगा अब तक किसी धर्माचार्य ने नही किया। इसमें धर्माचायों्र के अलावा ,राजनेता , कानूनविद् व समाज के कई प्रतिष्ठित लोग हिस्सा लेगें कई तरह की कथायें इस कार्यक्रम का शोभा बढ़ायेगी।
यह पहली बार है कि अनुष्ठान के जरिये सेना के शहीदों की आंत्मा की शांति की प्रार्थना के लिये कुछ किया जा रहा है। इतने बडे पैमाने पर यह कार्यक्र्रम आज तक कभी नही हुआ । यह पहला एसा महापर्व है जिसे लेकर सभी में उत्सुकता है और लोग जानना चाहते है कि और क्या इस कार्यक्रम में होना है जो कि सेना के शहीदों को मुक्ति दिलायेगा और उसके परिवार के लिये उन्नति के द्वार खोलेगा।
इस सेैन्य महापर्व जो कि सालासर बालाजी की धरती पर होने जा रहा है, में सरकार के नुमाइंदो को चाहिये कि इसमें बढ चढ कर हिस्सा ले और उन्हें आत्म शांति के प्रयासों को एक एैसी राह दे जिसमें उनका परिवार सुखी हो और लोग बढ चढ कर हिस्सा ले।
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