अन्धेरे में उजाले का त्यौहार दीपावली

अन्धेरे में उजाले का त्यौहार दीपावली भगवान राम द्वारा 14 वर्षो के वनवास की समाप्ति व धरती में व्याप्त अन्धकार रूपी समस्त बुराईयों का अन्त कर अयोध्या लौटने के दिन को भारत में दीपावली के पर्व के रूप में मनाया जाता है। प्रतिवर्ष इस दिन हिन्दुओं द्वारा अपने-अपने घरों की साफ-सफाई कर सायंकाल घरों में दीपक जलाकर दीपावली का पर्व मनाया जाता है। दीपावली का पर्व सम्पूर्ण भारत सहित विदेशों में भी जगमग रोशनी व आतिशबाजियों के साथ मनाया जाता है। भगवान राम द्वारा 14 वर्ष बनवास की अवधि में धरती से समस्त बुराईयों का अन्त कर अयोध्या का राजपाठ ग्रहण कर राम राज्य की स्थापना की गयी थी।

राम राज्य के बारे में रामचरित मानस में यह वर्णन है- ‘दैविक, दैहिक, भौतिक तापा, राम राज महि काहु न व्यापा’। अर्थात- राम राज्य में प्रजा दैविक, दैहिक और भौतिक कष्टों सें मुक्त होती है। रामचरित मानस में मानव के लिये तीन तरह के कष्टों का वर्णन है। जिनमें से पहला दैविक अर्थात दैवीय या प्रकृतिजन्य, दैहिक अर्थात शारीरिक, तीसरा भौतिक अर्थात आर्थिक है। केन्द्र की वर्तमान सरकार भी देश में राम राज्य की स्थापना के संकल्प को लेकर ही सत्ता में आयी है। सरकार द्वारा सत्ता में आने के बाद से राम राज्य स्थापना की दिशां में अनेक कदम उठाये है। प्राकृतिजन्य प्रकोपों को दूर करने के लिये प्रकृतिक संरक्षण की ओर ध्यान दिया गया है। बाढ़, तूफान और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली क्षतियों को कम करने के लिये प्रदूषण को नियंत्रित किया गया है।

तूफान आने की जानकारी पूर्व में प्राप्त कर खतरे वाले क्षेत्रों में सतर्कता बरती जा रही है। कृषि क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से किसान को खुशहाल बनाया जा रहा है। प्राकृतिक प्रकोपों का प्रभाव कम करने तथा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित सहायता पहुचाने के लिये राष्ट्रीय आपदा राहत बल को आधुनिक उपकरणों से सुसजित किया गया है। आज हमारा देश किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिये सक्षम है। यहां तक कि विदेशों में भारत द्वारा मदद दी जा रही है। शारीरिक प्रकोपों में भी आज भारत द्वारा लगभग नियन्त्ररण प्राप्त कर लिया है। पोलियो, मलेरिया, टीबी, कैंसर जैसी महामारियों के निराकरण में भी सरकार ने सफलता प्राप्त कर ली है। स्वस्थ भारत निर्माण के लिये सरकार द्वारा योग व आर्युवेद जैसी प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति को पुर्नजीवित किया गया है। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से देश के 50 करोड़ लोगों को उच्च स्तरीय ईलाज की सुविधा दी जा रही है।

कुपोषण जैसी समस्या को समाप्त करने के लिये सरकार द्वारा गम्भीर प्रयास किये गये है जिस कारण शिशु मृत्यु दर में भी कमी आयी है। स्वस्थ भारत निर्माण हेतु सरकार द्वारा दिव्यांगों, वृद्धों, प्रसुति महिलाओं, गरीबों, शिशुओं के लिये अनेक कल्याणकारी योजनायें चलाई गयी है, जिस कारण आज हम स्वस्थ भारत के निर्माण की दिशां में आगे बढ़ रहे है। आर्थिक क्षेत्र में भी देश आज अग्रणी देशों की पंक्ति में पहुंच चुका है। भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है। सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक देश की अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन डाॅलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। विकास के क्षेत्र में भारत आज विश्व की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत की अर्थव्यवस्था आज लगभग 7.05 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। वर्ष 2014 के बाद देश में प्रति व्यक्ति आय लगभग 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से बढ़ रही है, जो कि आज बढ़ कर 01लाख 13 हजार प्रति व्यक्ति हो चुकी है।

लोगों के जीवन स्तर में अप्रत्याशित सुधार हुआ है। गत एक वर्ष के दौरान ही लगभग 05 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। देश से भुखमरी लगभग समाप्त हो चुकी है। सरकार की यह उपलब्धिदेश के लिये गर्व की बात है। सरकार का यही प्रयास रहा तो आगामी वर्षो में भारत से गरीबी पूर्ण रूप से समाप्त हो जायेगी। सरकार का यही दायित्व होना चाहिए कि उसके शासनकाल में देश की जनता खुशहाल हो। यदि जनता में खुशहाली होगाी तो राम राज्य की कल्पना भी साकार हो जायेगी। वर्तमान सरकार देश के गौरव व जनता के कल्याण के लिये कृत संकल्प है। सरकार की मजबूती के लिये हम सब को भी अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन निष्ठापूर्वक करना चाहिए।

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