देश में एक अजीब तरह की उथल-पुथल है औरतों को 33 परसेंट आरक्षण दिया गया है राजनीति में, ताकि वह सक्रिय हो सके लेकिन अफसोस इस बात का है की पत्नी जीत तो जाती हैं और पति प्रधान ,प्रमुख व अन्य पदों पर बैठी हुई पत्नियों का काम करते हैं क्या इसीलिए देश में यह कानून लाया गया था ।इस पर कोई नहीं बोलता सब मौन है ,सरकारें चुप है, प्रशासन मौन है और तो और कोर्ट भी कुछ नहीं बोलना चाहती ,संज्ञान लेने का तो प्रश्न ही नहीं उठता, ऐसे में इस कानून का क्या होगा, यह यक्ष प्रश्न है।
अब बात करते हैं ग्रामीण क्षेत्र की, तो ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधान का पद सबसे मजबूत माना जाता है महिला के लिए आरक्षित पद पर महिलाएं चुनाव लड़ती हैं और उसके बाद उसे पति प्रधान के रूप में कार्य करते हैं ना कोई सरकारी कर्मचारी बोलता है कोई अधिकारी बोलता है ना ही सरकार बोलती है प्रधान के रूप में औरत का नाम चलता है और काम पति करते हैं और वही करते हैं जो सरासर गलत है।औरतों के उत्थान की दिशा में उठाया गया कदम समाज से उनको बाहर कर रहा है यही हाल प्रमुख पद की है जहां-जहां प्रमुख है यदि महिला है तो तो उसके पति वहां काम कर रहे है महिला घर में बैठी है और पति ब्लॉक प्रमुखी कर रहा।
अब बात करते हैं सरकारी तंत्र की, सरकारी तंत्र में आशा वर्कर की जगह उसके पति काम कर रहे हैं शिक्षामित्र में उसके पति काम कर रहे हैं और भी जो पद इस तरह के हैं सरकार द्वारा मनोनीत होते हैं उस पर पत्नियों की जगह पति काम कर रहे हैं जबकि नाम पत्नियों का चल रहा है चाहे वह मनरेगा हो नरेगा हो या फिर कोई भी सरकारी योजना उसमें काम करने वाले लोग या उस काम को करवाने वाले लोग यदि महिला है तो उसका पति काम कर रहा जो सरासर गलत है इससे महिलाओं का उत्थान होने वाला नहीं।
सबसे बड़ी बात महिलाओं के लिए परिवार नियोजन लाया गया था लेकिन उसका कोई असर ग्रामीण अंचलों में नहीं दिख रहा है ना कोई टीम जाती है ना ही कोई कार्य होता सरकारी खजाने से पैसा जरूर जाता है। यदि आंकड़े उठाकर देखे जाएं तो गांव में नसबंदी की प्रक्रिया बहुत ही धीमी है किसी तरह का दबाव उनके ऊपर नहीं है।जनसंख्या विस्तार हो रहा है।प्रत्येक घरों में दर्जनों बच्चे जन्म ले रहे हैं जिनका पालन पोषण करना, आने वाले समय में सरकार की जिम्मेदारी होगी। सरकार राशन भी देगी ,कॉलोनी भी देगी ,मनरेगा भी देगी ,नरेगा भी देगी और हर सुविधा मुहैया कराएगी जिससे उसे वोट मिल सके देश का क्या होगा इससे उन्हें कुछ लेना देना नहीं ।सरकार को चाहिए ,परिवार नियोजन विभाग को टाइट करें सब काम करें।