आपकी सेहत के लिए यह जरूरी है कि आप आटा का प्रयोग कम से कम दिनों वाला करें।आप एक प्रयोग करें गेहूं का आटा पिसवा कर उसे 2 महीने स्टोर करने का प्रयास करें,आटे में कीड़े पड़ जाना स्वाभाविक हैं,आप आटा स्टोर कर नही पाएंगे। फिर ये बड़े बड़े ब्रांड कैसे आटा स्टोर कर पा रहे हैं? यह सोचने वाली बात है।जो आपके सेहत को नुकसान पहुंचा रही है।
कुछ दिनों पहले एक शोध आया है ,जिसमें ज्यादातर लोगों को एक ही बीमारी थी कि उनकी किडनी खराब हो गयी। इस तरह की बीमारी का जब परीक्षण किया गया तो पाया गया कि एक केमिकल है- बेंजोयलपर ऑक्साइड, जिसे फ्लौर इम्प्रूवर भी कहा जाता है। इसकी पेरमिसीबल लिमिट 4 मिलीग्राम है, लेकिन आटा बनाने वाली फर्में 400 मिलीग्राम तक ठोक देती हैं। कारण यह है कि आटा खराब होने से लम्बे समय तक बचा रहे।
इसके अलावा कुछ और भी चाजें है जो बाजार में बिक रही है। जैसे कीडें युक्त गेंहूं की पिसाई कर आटा के रूप में बेंचना , कीडों को भी गेहूं की साथ पीसना, कंकड ,पत्थर आदि पीसकर देना आदि सभी आपकी किडनी पर प्रयोग हो रहें है। पैकिग वाली चीजेें इसी तरह की है । आपको याद होगा मग्गी भी इसी तरह होने के कारण अपना बाजार खो चुकी है। किसी को आम आदमी से कुछ नही लेना है , जांच अधिकारी है लेकिन फ्री की पगार ले रहें है जांच नही कर रहें है।बेशक उपभोक्ता की किडनी का बैंड बज जाए। या वह मौत के कगार पर पहुंच जाये।
मामला यह है कि सरकारी व्यवस्था ऐसी बनी हुई है कि खून चेक कराने की लैबोरेटरी आपको गली के कोने से लेकर शहर में सौ मिल जाएंगी लेकिन आटा और दूध चेक करवाने के लिए एक भी नहीं मिलेगी। दोनों में ही मिलावट होगी और थोडी कोशिश के बाद आप समझ जायेगें कि यह खराब है।हर चीज में मिलावट है चाहे तेल हो , रिफांइड हो , आटा दाल चावल हो या फिर कपडे हो लेकिन इसे रोके कौन , सरकारों का ध्यान इस ओर कभी नही रहा।लोग अच्छे पैसे कमाने के चक्कर में धटिया माल भी ब्रांड बनाकर बेंच रहें है और अज्ञानता वश लोग सस्ता समझ कर ले रहें है जबकि उसकी वास्तविक दाम कुछ नही है। कोशिश कीजिये खुद सीधे व्यापारी से गेहूं खरीदकर अपना आटा पिसवाकर खाएं। ताजा खाइये स्वस्थ रहिये। नियमानुसार आटे का समय..ठंडके दिनों में 30 दिन गरमी के दिनोंमें 20 दिन बारिस के दिनोंमें 15 दिन का बताया गया है।अब होली आ रही है खोया नकली बिकेगा , दूध नकली मिलेगा , सभी के विडियों बाजार में है कि कैसे नकली दूध बनता है।कैसे लोग खोया बनाते है और बाजार में बिकने वाली मिठाई कैसे बनती है फिर भी लोग खाते है खरीदते है और अपने चाहने वालों को खिलाते है।समय के साथ इन चीजों पर रोक लगाने की जरूरत है बाकी आप सब खुद समझदार हैं।