महाराष्ट्र, यूपी, गुजरात ,तमिलनाडु और कर्नाटक के भरोसे लंबी रेस

भारत अगले कुछ बरसों में 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने के लिए कमर कसकर तैयार है. चीन, जर्मनी और अमेरिका जैसी बड़ी आर्थिक ताकतों पर छाए संकट के बीच भारत की इकोनॉमी फुल स्पीड से आगे बढ़ रही है.दुनियाभर की संस्थाएं और रेटिंग एजेंसीज भारत को ब्राइट स्पॉट बता रही हैं. माना जा रहा है कि 2028 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. देश की इस रफ्तार को सहारा देने के लिए अलग अलग राज्यों में एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने की होड़ मची है।

इस लिस्ट में सबसे आगे महाराष्ट्र है जहां की GDP का साइज 430 अरब डॉलर है और इसका ग्रोथ रेट साढ़े आठ परसेंट है. महाराष्ट्र सरकार ने 2030 तक अपनी इकोनॉमी को एक ट्रिलियन डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. लेकिन इसके लिए महाराष्ट्र को 11 फीसदी की रफ्तार से बढ़ना होगा. देश में सबसे ज्यादा इंडस्ट्रियल आउटपुट वाले राज्य महाराष्ट्र को इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ, ट्रांसपोर्ट, एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रियल सेक्टर पर सबसे ज्यादा काम करना होगा।

वहीं उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने UP को 2027 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत 40 लाख करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम खर्च करने की योजना है. ये रकम इन्फ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ, जूडिशियरी, एजुकेशन, हैवी इंडस्ट्री पर खर्च की जाएगी. यूपी सरकार के मुताबिक इस लक्ष्य को पाने के लिए सालाना विकास दर को 30 से 35 फीसदी तक बढ़ाना होगा. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लक्ष्य को 45 फीसदी तक ले जाना होगा. 2021-22 में UP की जीडीपी करीब 294 अरब डॉलर है और राज्य का ग्रोथ रेट करीब 13 फीसदी है. 2027 तक एक ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को पाने के लिए राज्य को जीडीपी ग्रोथ को 32 फीसदी तक ले जाना होगा.

एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने के रास्ते मे तमिलनाडु भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. फिलहाल राज्य की जीडीपी 320 अरब डॉलर है. राज्य की इकोनॉमी 11 फीसदी से भी ज्यादा रफ्तार से बढ़ रही है. तमिलनाडु की सरकार ने एक ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य पर पहुंचने के लिए 2030 तक का लक्ष्य रखा है. ऑटोमोबाइल, टैक्सटाइल, लेदर, फार्मा, कैमिकल और प्लास्टिक से जुड़ी इंडस्ट्रीज समेत देश में सबसे ज्यादा फैक्ट्रीज इसी राज्य में हैं. यही नहीं, तमिलनाडु देश का तीसरा सबसे बड़ा एक्पोर्टर भी है।

इसी तरह कर्नाटक भी एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने की होड़ में शामिल है. राज्य की जीडीपी अभी 245 अरब डॉलर है और इसका ग्रोथ रेट 8.8 फीसदी है. कर्नाटक ने 2027 तक एक ट्रिलियन इकोनॉमी बनने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए जीडीपी ग्रोथ रेट को 15 फीसदी तक बढ़ाना होगा. कर्नाटक ग्लोबल इनोवेशन और स्टार्टअप का हब है. ये बॉयोटेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में बड़ा एक्सपोर्टर है।

इस रेस में गुजरात भी पूरी ताकत से लगा हुआ है. 2022 में राज्य की जीडीपी 288 अरब डॉलर थी और इसका ग्रोथ रेट करीब 13 फीसदी है. गुजरात सरकार ने 2027 तक जीडीपी को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है जिसके लिए राज्य को 14.5 फीसदी की ग्रोथ हासिल करनी होगी. इसे हासिल करने के लिए राज्य सरकार मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर पर खासा ध्यान दे रही है. गुजरात में ऑटो, फार्मा, केमिकल, टेक्सटाइल और पेट्रोलियम इंडस्ट्री से जुड़ी कई कंपनियां हैं. ऐसे में इनमें से कौन सा राज्य सबसे पहले इस मुकाम तक पहुंचता है ये देखना वाकई दिलचस्प होगा।

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