राम मंदिर का निर्माण अब अंतिम चरण में है इस बात के संकेत मिलने लगे हैं ।सब कुछ लगभग पूरा हो चुका है और एक योजना के तहत तरीके से उसे शुरुआत करने की पहल की जा रही है। अयोध्या के महंतों से मंत्रणा हो रही है, महामंडलेश्वर और किन-किन लोगों को बुलाया जाना है। इस पर कार्य योजना तैयार की जा रही है। कितने लोग आएंगे और उनके रहने खाने की क्या व्यवस्था होगी ,इस पर काम किया जा रहा है ताकि राम मंदिर का निर्माण होने के बाद किसकी तरह की अव्यवस्था का सामना लोगों को ना हो इस बात का ध्यान रखा जा रहा है।
योजना के अनुसार 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन होगा . प्राण प्रतिष्ठा के एक हफ्ते पहले से पूजा शुरू होगी. राम मंदिर का ग्राउंड फ्लोर पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है. वहीं, गर्भगृह पहले ही बन चुका है। जान लें कि निर्माणाधीन राम मंदिर की कई तस्वीरें अयोध्या से सामने आ चुकी हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय अक्सर कन्स्ट्रक्शन से जुड़ा अपडेट और तस्वीरें शेयर करते रहते हैं। इस उद्घाटन के वरिष्ठ प्रतिनिधियों , महामंडलेश्वरों और धर्माचार्य से बैठक होगी और कार्यक्रम की सफलता हेतु उचित योजना बनाई जाएगी जिससे यह ऐतिहासिक रूप से सफल रहे।
गौरतलब है कि अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के विराजमान होने का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव पूरी दुनिया में आकर्षण का केंद्र बनेगा. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के उद्घाटन का प्रभु श्रीराम के भक्तों को बेसब्री से इंतजार है. बड़ी संख्या में लोग राम मंदिर के दर्शन के लिए वहां पहुंच सकते हैं. मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र की तरफ से देश भर के धर्माचार्यों के अलावा दुनिया के 160 देशों के प्रतिनिधियों को भी निमंत्रण भेजा जाएगा। करोड़ों की संख्या में पहले सप्ताह में ही लोगों के आने का अनुमान है जो दर्शनार्थ के रूप में अयोध्या में आएंगे। उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत रहने खाने की ना हो आवागमन में दिक्कत ना हो इस बात के पुख्ता इंतजाम भी किए जाएंगे।
इससे पहले चंपत राय कह चुके हैं कि ट्रस्ट अयोध्या के सभी प्रमुख मठों के संतों को भी न्योता भेजेगा. 25 हजार संत उन 10 हजार खास मेहमानों से अलग होंगे, जो श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेंगे. चंपत राय के मुताबिक, ट्रस्ट उद्घाटन के कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में लोगों के मुफ्त में भोजन कराया जाएगा. दिसंबर महीने तक अयोध्या के राम मंदिर को फाइनल टच दिया जाएगा. रामलला की प्रतिमा कर्नाटक के मैसूर से लाए गए पत्थरों से तैयार की जा रही है. राजस्थान के मकराना के मार्बल से भी रामलला की एक अन्य मूर्ति को बनाया जा रहा है.
फिलहाल भारत की नही पूरे विश्व की यह अमूल्य धरोहर काफी लंबे समय से अपने समय का इंतजार कर रही थी। जो जनवरी के माह में पूरी होगी, पूरी दुनिया देखेगी की मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने अपने जीवन काल में क्या किया और उसका अनुसरण करने का प्रयास करेगी। अगर 40% लोग भी उनके जीवनकाल में किए गए कार्यों से सहमत रहे तो विश्व में एक बहुत बड़ा बदलाव आएगा जिसे पूरी दुनिया देखेगी। एक नए युग एक नई विचारधारा का जन्म होगा लोगों में मार काट जो मची हुई है वह बंद होगी। शांति और मर्यादित जीवन की शुरुआत होगी।