मालदीव भारत विवाद अपने चरम पर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लक्षद्वीप की तस्वीरों पर मालदीव के नेताओं के विवादित के बाद शुरू हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इस विवाद के बाद सोशल मीडिया पर बायकॉट मालदीव ट्रेंड कर रहा है और मालदीव के रिश्ते में कुछ तल्खी आई है  हालांकि मालदीव अब बैकफुट पर है। दरअसल मालदीव सरकार में एक मंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी।एक जारी बयान में मालदीव सरकार ने कहा है कि यह मंत्री की निजी राय थी और यह सरकार का रुख नहीं है। बाद में विवाद बढ़ता देख मालदीव ने अपनी मंत्री को भी पद से हटा दिया। दरअसल दो दिन पहले ही पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का द्वारा किया था और उन्होंने टूरिज्म को बढ़ावा देने की बात कही थी। इसके बाद हुआ यह की कई लोगों ने मालदीव की बुकिंग कैंसिल कर दी और लक्षद्वीप में घूमने का फैसला किया।

देखा जाए तो अब ये विवाद सीधे-सीधे मालदीव को कई मुश्किलों में डाल सकता है। मालदीव की इकोनॉमी टूरिज्म पर ही डिपेंड करती है। वहां की जीडीपी का 28% हिस्सा टूरिज्म पर डिपेंड करता है। ऐसे में अगर उसके पर्यटन पर थोड़ा भी असर पड़ गया, उसके लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा। वैसे मालदीव और भारत के बीच पिछले वर्ष 500 मिलियन डॉलर से अधिक का कारोबार भी हुआ था। इस वर्ष भी यह लगातार बढ़ भी रहा है। मालदीव और भारत के बीच तीन दशक पहले ट्रेड एग्रीमेंट हुआ है। इस एग्रीमेंट के तहत मालदीव भारत से उन वस्तुओं का आयात करता है जो दूसरे देशों को निर्यात नहीं होता है। 

इसके अलावा मालदीव के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में भी भारत का पैसा लगा है।साल 2022 में भारत ने 495 मिलियन डॉलर का सामान मालदीव को निर्यात किया था। भारत से मालदीव कृषि और मुर्गी पालन, चीनी, कपड़ा, आटा, दवा, चावल, मसाला और दवाइयां जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं का आयात करता है। इसके अलावा प्लास्टिक और लकड़ी के समान को भी भारत मालदीव को बेचता है। ऐसे में अगर भारत और मालदीव के रिश्ते खराब होते हैं तो मालदीव में खाने पीने की भी किल्लत हो जाएगी।

गौरतलब हो कि भारत से लाखों की संख्या में हर वर्ष लोग मालदीव घूमने के लिए जाते हैं। वर्ष 2023 में भारत से 209198 लोग मालदीव घूमने के लिए पहुंचे थे। मालदीव की इकोनॉमी में पर्यटन सेक्टर का योगदान 28 फ़ीसदी है। इसके अलावा फॉरेन एक्सचेंज में भी 60 फ़ीसदी योगदान टूरिज्म सेक्टर का है। ऐसे में यदि भारतीय मालदीव ना जाने का फैसला करें तो वहां की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी।ऐसे में जो मालदीव कुछ समय पहले तक भारतीयों का ड्रीम डेस्टिनेशन हुआ करता था, आज लोग उससे किनारा कर रहे हैं. हनीमून, बीच हॉलिडे या फिर छुट्टियां मनाने सबसे ज्यादा भारतीय मालदीव पहुंचते हैं, लेकिन लक्षद्वीप को लेकर मालदीव के नेताओं के विवादित बयान के बाद अब लोग अपने टूर कैंसिल करवा रहे हैं।

दिल्ली (भारत) से माले (मालदीव) के लिए सीधी फ्लाइट टिकट के लिए आपको 12000 से लेकर 15000 रुपये तक खर्च करना पड़ सकता है. वहीं स्टॉपेज फ्लाइट का किराया कम है. स्टॉपेज फ्लाइट के लिए आपको 8 हजार रुपये तक चुकाने होंगे. अगर आप मेक माई ट्रिप पोर्टल से 19 फरवरी के लिए माले की फ्लाइट बुक करते हैं तो वन स्टॉपेज फ्लाइट के लिए आपको 8211 रुपये और नॉन स्टॉपेज फ्लाइट 17518 रुपये की है।

एक सोशल मीडिया पोस्ट पर दावा किया जा रहा है कि मालदीव बायकॉट का असर दिखने लगा है. बड़ी संख्या में होटल बुकिंग और फ्लाइट्स टिकट कैंसिल हो रहे हैं . वहीं इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स का कहना है कि इस बायकॉट का असर 20 से 25 दिनों में साफ तौर पर दिखने लगेगा. हालांकि उन्होंने माना कि मालदीव को लेकर टूर प्लानिंग और पूछताछ कम हो गई है।

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