बदलने लगे हैं गुलामी के निशां

आजादी के अमृत महोत्सव काल में सेंट्रल विस्टा की बदली तस्वीर देखी तो राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया इसे गुलामी का एक और निशान मिटाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। जिसमें गुलामी की मानसिकता का पूरी तरह से त्याग दूसरा पुराना है 8 वर्ष के दौरान इस सरकार ने जहां जहां नजर गई वहां वहां से गुलामी के निशान मिटा दिए गए। इंडिया गेट से किंग जॉर्ज पंचम की प्रतिमा वाली जगह पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगा दी गई है जिसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों किया।

कर्तव्य पथ के विशेषता की बात करें तो 5 वेंडिंग जोन जहां 40 विक्रेता बैठेंगे। इंडिया गेट के पास दो ब्लाक 88 दुकानों के साथ होंगे कुछ राज्यों ने अपने फूड स्टॉल लगाने में रुचि दिखाई है कुल नहर क्षेत्र की 19 एकड़ भूमि का जीर्णोद्धार किया गया इन्हें एर्स्टर जैसे बुनियादी ढांचे से सूचित किया गया है पूरे खंड में 16 पुल है तो लहरों में नौका विहार करने की अनुमति होगी ।अपराध व असुविधा से बचने के लिए करीब 80 सुरक्षाकर्मी इस मार्ग पर नजर रखेंगे। राजपथ के साथ-साथ 3.90 लाख वर्ग मीटर में फैला चारों क्षेत्र को हरियाली से विकसित किया गया है 15.5 किलोमीटर तक फैले नए लाल ग्रेनाइट पैदल मार्ग बनाए गए हैं जो बजरी की रेत की जगह ले रहे हैं।

पूरे हिस्से में 1125 वाहनों के लिए पार्किंग की जगह बनाई गई है इंडिया गेट के पास 35 बसों के लिए पार्किंग की जगह है। 74 ऐतिहासिक लाइट पोल और सभी चैन लिंक बहाल कर दिए गए हैं 900 से अधिक नए लाइट को लगाए गए हैं परिसर के चरित्र को बनाए रखने के लिए कंक्रीट के बिल्डरों को 1,000 से अधिक सफेद बलुआ पत्थर के बिल्डरों से बदल दिया गया है पूरे खंड में 400 से अधिक बेंच 500 कूड़ेदान व 650 से अधिक नई साइलेंट लगाए गए व्यस्त जंक्शन ऊपर की चार नए पैदल यात्री अंडरपास बनाए गए हैं बच्चों और विशेष रूप से दिव्यांगों की सुरक्षित उपयोग के लिए उपयुक्त ऊंचाई पर रेलिंग के साथ रैम्प है।

नौसेना के झंडे में सर जांच क्रास का निशान होता था लेकिन उसकी जगह अब वहां हिंदू सम्राट छत्रपति शिवाजी की वर्कशॉप लगा दिया गया है। 7 रेस कोर्स रोड का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया। इसी रोड पर प्रधानमंत्री का आवास स्थिति है 8 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेंट्रल विस्टा के बदले स्वरूप वाले कर्तव्य पथ का उद्घाटन किए। वर्ष 2015 में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद रोड कर दिया गया वर्ष 2017 में डलहौजी रोड का नाम दारा शिकोह रोड कर दिया गया है जबकि वर्ष 2018 में तीन मूर्ति चौक का नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा चौक रख दिया गया, दरअसल किंग जॉर्ज पंचम के समान में इस पद को किंग्सवे कहा जाने लगा था जिसके बाद में हिंदी अनुवाद करके राजपथ कर दिया गया।

भारत सरकार ने गुलामी के इस निशान को पूरी तरह से बदलते हुए नाम और स्वरूप दोनों को बदल दिया सेंट्रल विस्टा की तस्वीर बदलने में कोई 20 महीने का समय लगा जिसे 8 सितंबर से कर्तव्य पथ से नाम से जाना जाने लगा। ब्रिटिश काल के गुलामी काल में पारित 15100 कानूनों को मोदी सरकार ने रद्द कर दिया। वर्ष 2014 में केंद्र सरकार की सत्ता संभालते ही ऐसे कानूनों को एक-एक करके रद्द कर दिया गया। इतना ही नहीं संसद में अलग से पेश किए जाने वाले रेलवे बजट के प्रावधान को समाप्त कर उसे वार्षिक आम बजट में समाहित कर दिया गया। 52 वर्ष पुरानी इस परंपरा को वर्ष 2017 में समाप्त कर दिया गया गुलामी का एक और निशान आम बजट पेश करने की तिथि फरवरी के आखिरी दिनों में होती थी जिसे बदलकर 1 फरवरी कर दिया गया गणतंत्र दिवस के बाद बीटिंग रिट्रीट समारोह में ए बेड विथ मी की धूम को भी बदल कर कवि प्रदीप की पंक्तियां ए मेरे वतन के लोगों बजाने की शुरुआत वर्ष 2022 से की गई है जबकि इसके पहले वर्ष 2015 में बीटिंग रिट्रीट समारोह में सितार संतूर और तबला जैसे भारतीय वाद्य यंत्र जोड़ दिए गए अमर जवान ज्योति को नेशनल वर मेमोरियल से जोड़ दिया गया है सरकार ने वर्ष 2018 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की किताब के तथ्यों के आधार पर अंडमान निकोबार दीप का नाम शहीद और स्वराज रख दिया ।

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