तमिलनाडु के कपड़ा उद्योग की उल्टी गिनती शुरू

तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले ने रेडीमेड कपड़ों के निर्यात के हब के रूप में अपनी जगह बनाई है। न केवल आसपास के जिलों, बल्कि देशों के अन्य हिस्सों में भी यहाँ बने हुए कपड़े भेजे जाते हैं।इसलिए यहाँ असम, बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल से बड़ी तादाद में श्रमिक आते हैं। 2018 तक यहाँ अप्रवासी श्रमिकों की तादाद 40,000 से भी ज्यादा पहुँच गई थी। चूँकि वहाँ स्थानीय मजदूरों की किल्लत है, इसलिए कुछ ने तो बिहार और ओडिशा में श्रमिकों की भर्ती के लिए एजेंसी तक खोल ली है लेकिन, अब तिरुप्पुर की कपड़ा इंडस्ट्री एक संकट का सामना कर रही है। 

उत्तर प्रदेश के श्रमिक बड़ी तादाद में वापस लौट रहे हैं। इसकी वजह ये है कि यूपी में विकास की रफ़्तार बढ़ने के साथ ही अब उन्हें गृह राज्य में ही रोज़गार के अवसर मिल रहे हैं। खासकर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों में कई बड़ी प्राइवेट कंपनियाँ पैसा लगा रही हैं। तमिलनाडु की कपड़ा इंडस्ट्री में तक़रीबन 6 लाख अप्रवासी श्रमिक हैं, जिनमें से 10 फीसद अब वापस यूपी आ चुके हैं।अकेले तिरुप्पुर से 20 फीसद श्रमिक बाहर निकल गए हैं। यहाँ कपड़ों के कई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। 

तिरुप्पुर एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष  ने कहा है कि श्रमिकों का पलायन चिंता का विषय है। अब एसोसिएशन मजदूरों की सुविधाएँ बढ़ाने की सोचने लगा है, ताकि उन्हें रोका जा सके। हॉउसिंग सोसाइटी में रहने की व्यवस्था, मेडिकल सुविधाएँ, वेतन वृद्धि और वक़्त पर पैसा – ये तमाम तरकीबें आजमाई जा रही हैं। 

TEA के पूर्व अध्यक्ष और ‘Warshaw इंटरनेशनल’ कंपनी के मालिक  ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में अगले 2 सालों में 60,000 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है, इससे श्रमिकों में ये भावना आई है कि वो वापस लौट कर अपने परिजनों के साथ रहें और साथ ही रोजी-रोटी भी कमाएँ।बता दें कि गत वर्ष तिरुप्पुर से कपड़ों का एक्सपोर्ट 34,350 करोड़ रुपए का रहा था। तिरुप्पुर से श्रमिकों के पलायन के चलते नोएडा के कपड़ा इंडस्ट्री की चांदी हो गई है। ‘नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट्स क्लस्टर’ के मालिक ललित ठुकराल ने कहा कि यहाँ अब श्रमिकों की किल्लत नहीं है, जैसी पहले थी। दूसरे राज्यों से हमारे श्रमिक वापस आ रहे हैं। 

गौर तलब हो कि नोएडा अपैरल क्लस्टर के 3000 यूनिट्स हैं, इसका राजस्व 40,000 करोड़ रुपए का है। गोरखपुर और बुंदेलखंड में इसके नए यूनिट्स खुलने हैं।दूसरे प्रदेशों से कपड़ा मैन्यु फैक्चरर यूपी वापस आ रहे हैं, ऐसे में यहाँ श्रमिकों को नौकरी मिलने में आसानी हो रही है। इसके साथ ही बिहार-ओडिशा के मजदूरों को भी लाभ मिल रहा है, जिनके लिए आने-जाने का वक़्त बचेगा। फिलहाल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था में सुधार भी एक बड़ा कारण है कि यहाँ उद्योग तेजी से पनप रहा है, श्रमिक लौट रहे हैं। तिरुप्पुर से लौट रहे मजदूरों को अपने ही प्रदेश में काम मिल रहा है। इसे सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार के लिए एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है।

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